द फॉलोअप डेस्कः
आज रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो चुकी है। पूरा देश राममय हो चुका है। लोग राम के जयकारे लगा रहे हैं। इसी बीच अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम आये। वह बाहर ही क्यों गये थे। अयोध्या उस पुरी का नाम है जहां कोई झगड़ा, कलह या दुविधा नहीं है। राम तब 14 वर्ष वनवास में गये। दुनिया का कलह मिटाकर लौटे। जिनके त्याग और तपस्या से मंदिर का निर्माण हुआ उनको याद करने का दिन है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद से ज्यादा कठिन तप किया। रामलला इस युग में आज दोबारा अयोध्या नगरी पधारे हैं। जो भी राम को सच्चे मन से याद करेगा उनका दुख कम होगा। प्रधानमंत्री ने तप किया अब हमको भी तप किया। रामराज्य के सामान्य नागरिकों का वर्णन जैसा है वैसा ही नव भारतवर्ष में भी होगा। हमें विवादों को पीछे छोड़ना होगा।
हमें जहां भी पीड़ा दिखती है वहां हम दौड़ जाएं। सेवा करें। अपने लिए कम समय रखें बाकि सेवा में लगाएं। पवित्रता रखें। अपने आप को संयम में रखना चाहिए। अनुशासन का पालन करना। अपने समाज में अनुशासित रहना चाहिए। स्वतंत्र देश में नागरिक अनुशासन का पालन करने से पवित्रता आती है। सामूहिक तपस करना होगा। हम साथ चलेंगे। साथ मिलकर चलेंगे। देश को विश्वगुरू बनाएंगे।
लोगों ने खून पसीना बहाकर यह दिन हमें दिखाया। हमारे मन में उनके लिए कृज्ञगता है। उनका यह व्रत हमें आगे लेकर जाना है। जिस धर्मस्थपना के लिए राम आए थे उसे आगे ले जाने के लिए हमें बढ़ना है। उनका आचरण हमें अपनाना है। मंदिर निर्माण होते होते विश्वगुरू भारत का निर्माण भी हो जाएगा। हमें समन्वय बनाकर चलना होगा।